मेरठ। जिन्हें अपने सपनो के घर का इंतजार है उनके लिए यह खबर बुरी हो सकती है। दरअसल मेरठ और बागपत के कई इंर्ट भट्टे बंद होंगे। एनजीटी के मानक पूरे करने वाले केवल 18 भट्टा मालिकों को संचालन की अनुमति दी गयी है। इस संबंध में बाकायदा मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने आदेश जारी किया है।
मेरठ में 238 भट्ठों में से 18 भट्ठों का ही संचालन हो सकेगा। बागपत में 525 भट्ठों में से 131 भट्ठे ही संचालित होंगे। अब केवल मानक पूरे करने वाले 18 भट्ठे ही चलेंगे। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए मेरठ के 220 ईंट भट्ठे बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं, अब केवल मानक पूरे करने वाले 18 भट्ठे ही चलेंगे। एनजीटी के निर्देश पर मंडलायुक्त सुरेंद्र सिंह ने आदेश जारी कर दिए। जिले में पीएनजी से ही भट्ठों का संचालन होगा। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉ. योगेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में शिकायतकर्ता उत्कर्ष पंवार ने केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान एनजीटी ने एनसीआर में भट्ठों के संचालन पर रोक लगा दी।
डॉ. योगेंद्र ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में भट्ठों के संचालन पर रोक लगाने के बाद मेरठ मंडल मेरठ के आयुक्त सुरेंद्र सिंह को आदेश भेज दिए गए। बागपत, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़ में कोई भट्ठा नहीं चलेगा। निर्देश जारी करने के बाद मेरठ के जिलाधिकारी, एसएसपी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत मेरठ मंडल, जिला खनन अधिकारी मेरठ मंडल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी मेरठ मंडल को भी आदेश की कॉपी भेज आदेश पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
जून 2019 को माना गया आधार
डॉ. योगेंद्र कुमार ने बताया कि मेरठ में 238 भट्ठों में से 18 भट्ठों का ही संचालन हो सकेगा। बागपत में 525 भट्ठों में से 131 भट्ठे ही संचालित होंगे। मार्च से जून तक भट्ठों का संचालन होता है। उन्होंने बताया कि मेरठ में चलने वाले 18 भट्ठों को लेकर सीपीसीबी व स्थानीय टीम मौके पर जाकर भट्ठों को चयन करेगी। उन्होंने बताया कि जून 2019 के आधार पर ही भट्ठों की संख्या तय की गई है। उन्होंने बताया कि जिगजैग प्रकार के ईंट भट्ठों की माहवार संख्या, जिन्हें परिवेशी वायु गुणवत्ता को प्रभावित किए बिना संचालित किया जा सकता है। मार्च से लेकर जून तक ही भट्ठों का संचालन हो सकेगा।