टूटा रुपया, बाजार की क्षमता पर असर,
तेल आयातकों और सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनियों से डॉलर की मांग आने के बीच रुपये ने शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और कारोबार के अंत में 18 पैसे टूटकर 76.61 (अनंतिम) के भाव पर बंद हुआ। विदेशी फंड की लगातार बिकवाली और भू-राजनीतिक चिंताओं ने बाजार में जोखिम उठाने की क्षमता पर असर डाला है, जिससे रुपये पर दबाव बना हुआ है। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.34 पर खुला और निवेशकों द्वारा जोखिम वाली संपत्ति से दूरी बनाने के कारण दिन के कारोबार में कमजोर बना रहा।
इस दौरान घरेलू मुद्रा ने 76.27 के ऊपरी और 76.72 के निचले स्तर को देखा। टूटा रुपया बाजार की क्षमता पर असर, कारोबार के अंत में रुपया डॉलर के मुकाबले 76.61 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की कमजोरी दर्शाता है।
रुपया बृहस्पतिवार को 19 पैसे की तेजी के साथ 76.43 पर बंद हुआ था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ”तेल आयातकों और सरकारी बिजली कंपनियों से डॉलर की मांग आने के बीच रुपये में गिरावट आई। अमेरिका में मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बाद प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती हुई, जिसका असर भी स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ा।”
परमार ने आगे कहा कि व्यापार की स्थिति अभी भी अस्थिर है और बाजार की नजर भू-राजनीतिक घटनाक्रम तथा कच्चे तेल की कीमतों पर बनी रहेगी। इस बीच छह प्रमुख मु्द्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.25 प्रतिशत बढ़कर 98.74 पर आ गया। @Back To Home