9 सैकेंड में मलवे में तब्दील होगा टविन टावर, करोड़ों कीमत के फ्लैट नोएडा के जिस टविन टावर में लोगों ने लिए हैं उसको मलवा में तब्दील करने में महज 9 सैकेंड का ही वक्त लगेगा। सपनो के आशियाने को यूं मलवे में तब्दील होते देखने की कल्पना भर से यहां रहने वालों का कलेज कांप उठता है, लेकिन मजबूरी यह है कि करें भी तो क्या, क्योंकि कोर्ट के आदेश के बाद रियायत या राहत के तमाम रास्ते अब बंद हो चुके हैं। इसलिए सपनो के घर को मलवे में तब्दील होते देखना उनका नसीब बन गया है। 9 सैकेंड में मलवे में तब्दील होगा टविन टावर, सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसायटी सेक्टर-93 ए में अवैध तरीके से बने टावर नंबर-16 और 17 (टि्वन टावर) को ध्वस्त करने की तैयारियां जारी हैं। यहां काम कर रही Edifice Engineering एजेंसी के एक्सपर्ट ने दावा किया कि सुरक्षित तरीके से दोनों टावर विस्फोटक के जरिए 9 सेकेंड में ढहा दिए जाएंगे। टावर नंबर-17 से 9 मीटर की दूरी पर एमराल्ड कोर्ट सोसायटी का जो टावर नंबर-1 है। वहां तक मलबा नहीं पहुंचने दिया जाएगा। पहले टावर-17 को तोड़कर टावर नंबर-16 पर लाया जाएगा। फिर एटीएस सोसायटी और सामने की सड़क के बीच कोने में दोनों ही टावर भरभरा के ढह जाएंगे। टावर का मलबा न छिटकने पाए इसके लिए जाली, फाइबर सीट, कंटेनर की दीवार, और एक पर्दा लगाया जाएगा। धमाके करेन के लिए ढाई से चार हजार टन विस्फोटक नोएडा से करीब 100 किलोमीटर दूर रखा जाएगा। जरूरत के हिसाब से उन्हें रोज ट्रांसपोर्ट कर यहां लाया जाएगा। एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता ने बताया कि टावर नंबर 17 मौके पर 29 मंजिल का है और टावर नंबर-16 32 मंजिल का है। दोनों ही टावर में बीच-बीच के फ्लोर छोड़कर 10 फ्लोर प्राइमरी ब्लास्ट फ्लोर बनाए जाएंगे। इन पर विस्फोटक ज्यादा लगाया जाएगा। ब्लास्ट होने पर ये पूरी तरह से बिखरेंगे और फिर दोनों का मलबा जैसे झरने से पानी गिरता है उस तरह गिरा लिया जाएगा। जहां पर दोनों टावर गिराए जाने हैं वहां पास से ही गेल की गैस पाइप लाइन गुजरी हुई है। इंजीनियरों ने दावा किया कि गैस पाइप लाइन को टावर के मलबे से कोई असर नहीं पड़ने दिया जाएगा। पाइप लाइन जमीन में 3 मीटर अंदर है। फिर भी पाइप लाइन के ऊपर स्टील की दो मीटर की प्लेटर लगाई जाएंगी। अगर कोई मलबा जाता है तो ये प्लेट रोक लेंगी। एजेंसी के एक्सपर्ट ने बताया कि विस्फोट होने पर जब दोनों टावर गिरेंगे उससे कंपन भी होगा। वैसे तो नोएडा सिस्मिक जोन-4 में आता है इसलिए यहां की इमारतों पर इससे कोई असर नहीं पड़ेगा। फिर भी कंपन रोकने के लिए दोनों ही बेसमेंट में इम्पैक्ट कुशन लेयर मिट्टी, बालू व कंक्रीट डालकर तैयार की जाएगी। इससे कंपन रोकने की कोशिश होगी। @Back To Home