आयोजन पर आपत्ति रोक की मांग, अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा द्वारा गंगा नगर मे बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए इतिहास के शोधकर्ता अभिनव गुर्जर ने बताया कि कुछ असमाजिक तत्वों के द्वारा समाज को भ्रमित करने के लिए 22 मार्च को ब्रहस्पति भवन, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में एक कार्यक्रम किया जा रहा है। इन असमाजिक तत्वों के द्वारा गुर्जर समाज के इतिहास के साथ छेड़ छाड़ करने के लिए एक षडयंत्रकारी योजना के तहत एक आयोजन किया जा रहा है। ये लोग कुषाण राजा कनिष्क को गुर्जर बता कर लोगो को भ्रमित करने का काम कर रहे है। राजा कनिष्क कुषाण को भारत की पाठ्यक्रम की पुस्तकों में विदेशी आक्रांता लिखा हुआ है। ये लोग गुर्जर समाज को विदेशी साबित करने का षडयंत्र रच रहे है जिससे समाज मे बहुत रोष है । ऐसे भी साक्ष्य मिलते है की कनिष्क कुषाण ने मथुरा मे मंदिर तोड़े थे । ये लोग गुर्जर समाज को विदेशी बता कर दंगे भड़काने की साज़िश रच रहे हैं। ये लोग 22 मार्च को गुर्जर दिवस बता कर समाज को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे है। जबकि भारत के इतिहास मे 22 मार्च 1739 को आक्रांता नादिर शाह ने दिल्ली में गुर्जरों का कत्लेआम करने का फरमान सुनाया था । इससे गुर्जर समाज की भावनाओ को ठेस पहुंच रही है इस लिए इस कार्यक्रम पर तुरंत रोक लगाई जाए । इन दंगा करवाने की साज़िश रचने वालो की जांच होनी चाहिए ऐसी हमारी प्रशासन से मांग है और इसकी हमने एक लिखित शिकायत एस एस पी साहब मेरठ को भी दे दी है। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष रिंकू विकल, सुनील गुर्जर , कृष्णपाल चपराना, गोरख प्रधान नवल, मोहित मंडार, अभिनव गुर्जर, योगेंद्र बैसोया, सुमित बंसल, सुनील गुर्जर, मोहित मंडार, गोरख प्रधान नवल, कृष्णपाल चपराना सहित अन्य लोग उपस्थित थे। @Back To Home