अपील बेअसर जमकर आतिशबाजी, उलेमाओं खासतौर से दारूल उलूम देवबंद के उलेमाओं व दूसरे आलिमों द्वारा की गयी अपील कुछ पर पूरी तरह से बेहसर साबित हुई। शबेरात पर मनाही के बाद भी कुछ ने जमर आतिबशजी की। दारुल उलूम समेत तमाम उलेमा दीन ने शब-ए-बराअत पर आतिशबाजी व हुड़दंग को हराम करार दिया था। अपील बेअसर जमकर आतिशबाजी, लेकिन इस अपील को दरकिनार कर शुक्रवार दिन ढलते ही युवाओं की टोलियां मोहल्लों के चौक व सड़कों पर उतर आईं। हो-हल्ला और आतिशबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने कई जगह पहुंचकर लाठीचार्ज का आतिशबाजी करने वालों को भगाया। ईशा की नमाज के बाद तमाम मस्जिदों में आतिशबाजी न करने की अपील की। फरमाया गया कि शाबान की 15 वीं रात मुकद्दस चार रातों में से एक है। अल्लाह तआला आसमान-ए-दुनिया पर जलवा फरमा होता है और बेशुमार लोगों की बख्शिश फरमाते हैं। यही वो रात है जिसमें अल्लाह तआला आइंदा साल के अहकामात जारी फरमाते हैं। दिन ढलते ही हापुड़ अड्डा, इम्लियान मस्जिद के पास, लिसाड़ी गेट चौराहा, कांच का पुल, खैरनगर, हौज वाली मस्जिद के पास, फिल्मिस्तान सिनेमा के पास, ईदगाह चौपला, पत्ता मोहल्ला मे आतिशबाजी हुई। जो इस रात में नमाज पढ़ता है तो अल्लाह तआला 70 बार रहमत से उसकी ओर देखता है और 70 हाजतें पूरी करता है। कब्रिस्तानों में जाकर मगफिरत की दुआ की गई। प्रदेश भर से ऐसी ही खबरें हमारे संवाददाताओं ने भेजी हैं। @Back To Home