कैंट में बाहर सील भीतर निर्माण, कैंट बोर्ड अजब है, इसके प्रशासन से जुड़े सीनियर गजब हैं। कैंट बोर्ड प्रशासन ने सीईओ प्रसाद चव्हाण के कार्यकाल के दौरान जिस निर्माण को सील किया, उस पर लगे टावर हटवाए, वो न केवल टावर दोबार लग गए हैं, बल्कि सील के बाद भी भीतर ही भीतर निर्माण भी चल रहा है। यह पूरा मामला कैंट इलाके के फ्लेवर रेस्टोरेंट वाली रोड के एसके बैट्री वाली बिल्डिंग से संबंधित है। इसी संवादाता की एक रिपोर्ट के बाद तत्कालीन सीईओ प्रसाद चव्हाण ने तत्कालीन इंजीनियर अनुज सिंह को भेजकर वहां सील लगवा दी थी। कुछ दिन तक यहां कैंट बोर्ड प्रशासन की गिद्ध दृष्टि रही। अवैध निर्माण बंद रहा, लेकिन जैसे ही कैंट बोर्ड में सत्ता परिवर्तन हुआ प्रसाद चव्हाण का यहां से तवादला हुआ, दोबारा से भारी भरकम फ्लैक्स की आड़ में अवैध निर्माण फिर से शुरू कर दिया गया। इस दौरान कार्रवाई के नाम पर दो बार सील भी लगायी गयी ताकि अपनी गर्दन बचने का इंतजाम रहे, लेकिन सील के बाद भी वहां अवैध निर्माण जारी रहा। केवल अवैध निर्माण ही जारी नहीं रहा, जो टावर हटवाए गए थे वो भी दोबारा अपनी जगह आ गए। यहां सवाल दोबारा टावर लगाने का नहीं है बल्कि इस बात का है कि यदि टावर ठीक थे तो उन्हें हटवाया क्यों गया था। यदि कायदे कानून को ताक पर रखकर लगाए गए थे तो हटाए गए टावर दोबारा क्यों लगा दिए गए हैं। इसका जवाब तो केवल कैंट बोर्ड प्रशासन ही दे सकता है। इसके संबंध में वर्जन जानने के लिए कैंट बोर्ड के नंबर पर काल भी कई बार की गयी लेकिन दूसरी ओर से काल रिसीव नहीं की गयी। अब सवाल यह कि क्या कैंट प्रशासन इस सील के बावजूद किए जा रहे अवैध निर्माण को रूकवाने की हिम्मत जुटा सकेगा। @Back To Home
हर खबर पर पारखी नज़र