सीडीओ ने दी योजना की जानकारी

सीडीओ ने दी योजना की जानकारी, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लें- मुख्य विकास अधिकारी- मेरठ (सू0वि0)। मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी  ने जनपद के समस्त खंड विकास अधिकारियों को पत्र प्रेषित करते हुए बताया कि अपर मुख्य सचिव/मुख्य कार्यपालक अधिकारी खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड उ0प्र0षासन-लखनऊ के पत्रांक सं0 1084-1233 /खा0ग्रा0बो0 /पी0एम0ई0जी0पी0/ प्रचार-प्रसार/पत्रां0/2022-23 दिनांक 18.04.2022(संलग्न) का सन्दर्भ ग्रहण करे, जोकि अद्योहस्ताक्षरी को सम्बोधित है के द्वारा उ0प्र0खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है एवं योजना के अन्तर्गत उद्यम की स्थापना के लिये अधिकतम रू0 25.00 लाख तक का ऋण बैकों के माध्यम से दिलाये जाने का प्राविधान है। योजनान्तर्गत सामान्य वर्ग के पुरूश लाभार्थियों को प्रोजक्ट काश्ट का 25 प्रतिषत एवं आरक्षित वर्ग तथा महिला उद्यमियों को प्रोजक्ट काश्ट का 35 प्रतिषत मार्जिन-मनी अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्र मे उद्यम की स्थापना के उपरान्त 03 वर्श तक 13 प्रतिषत अधिकतम ब्याज उपादान भी नियमानुसार लाभार्थी को प्राप्त हो सकेगा तथा उद्यम के 03 वर्श सफलता पूर्वक कार्य करने के उपरान्त इकाई के विस्तार हेतु अधिकतम धनराषि रू0 1.00 करोड़ तक का द्वितीय ऋण भी प्राप्त किया जा सकेगा, उक्त द्वितीय ऋण पर भी 15 प्रतिषत अनुदान अनुमन्य है। स्पश्ट है कि इस योजना मे उद्यम की स्थापना करने वाले उद्यमियों को बहुत अधिक लाभ प्रदान किया जा रहा है जिसके कारण उद्यम की सफलता की संभावनाएं काफी बढ गयी है।
ग्रामाीण क्षेत्र मे उद्यम की स्थापना हेतु यह योजना काफी सार्थक एवं लाभप्रद है परन्तु ग्रामीण जन की सहभागिता कम होने के कारण आषानूकुल आवेदन पत्र कार्यालय को प्राप्त नही हो रहे है उक्त योजना के अन्तर्गत ऑनलाईन आवेदन किया जाने का प्रावधान है तथा अनुदान प्राप्त होने की व्यवस्था भी ऑनलाईन पोर्टल पर होने के कारण यह योजना पूरी तरह पारदर्शी है। अतः समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देषित किया जाता है कि वे अपने विकास खण्ड से एक माह के अन्दर कम से कम 50 ऋण आवेदन पत्र आवश्यक रूप से दर्शाए  गये ऑनलाइन  पोर्टल पर  एजेन्सी का चयन करते हुए आवेदन कराना सुनिष्चित करे, ताकि ग्रामीण स्तर पर अधिकाधिक रोजगार सृजन किया जा सके।

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