कमिश्नर के आदेश पर चैकिंग, डग्गामार वाहनों के खिलाफ शनिवार को फिर अभियान चलाया। ट्रैफिक पुलिस, थाना पुलिस और आरटीओ विभाग की टीम अवैध तरह से चल रहे वाहनों के खिलाफ चैकिंग अभियान में पेपरों की जांच की। इससे पहले मेरठ मंडल के कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर और बागपत जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्कूल वाहन या अन्य यात्री वाहन जो अवैध तरह से चल रहे हैं, ऐसे वाहनों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। दरअसल गाजियाबाद के मोदीनगर में तीन दिन पहले स्कूल बस में बच्चे की मौत के बाद यह मामला शासन तक गूंजा। पुलिस प्रशासन के अधिकारी पीड़ित बच्चे के परिजनों को ही धमकाने लगे। बाद में आरटीओ विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई हुई। इसके बाद गाजियाबाद और मेरठ में अवैध वाहनों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। 22 अप्रैल को मिशन नारी शक्ति और सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत यातायात पुलिस ने सात डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई की। इसमें से चार डग्गामार वाहनों को सीज किया गया और तीन वाहनों का चालान किया गया। हाईवे पर सड़क के किनारे खड़े वाहनों के 104 चालान किए गए। बुलेट मोटरसाइकिल में मोडिफाइड साइलेंसर लगे होने के कारण सात वाहनों पर कार्रवाई की गई। स्कूली वाहनों में मानक के अनुसार व्यवस्था नहीं होने के कारण तीन स्कूल बसें सीज की गईं। पुलिस ने कुल 276 वाहनों के चालान किए। वहीं, एक लाख 20 हजार रुपए का शुल्क भी वसूला।
कमिश्नर के आदेश पर चैकिंग
