खाना नहीं मौत मिल रही है गोवंश को

खाना नहीं मौत मिल रही है गोवंश को

खाना नहीं मौत मिल रही है गोवंश को, परतापुर स्थत नगर निगम की गौशाला में निराश्रित गोवंश को बजाए चारा के मौत मिल रही है। मंगलवार को भी यहां भूख व बीमारी से बेहाल करीब 17 बतायी जा रहे गाेवंश की मौत हो गयी। जिन गोवंश की मौत हुई है, उन्हें हापुड़ रोड स्थित लोहिया नगर के डंपिंग ग्राउंड में दफनाया गया है।

मृत गाेवंश को लेकर नगर निगम के कूडा ढोहने वाले वाहनों में लादकर दोपहर को लोहिया नगर डंपिंग ग्राउंड ले जाया गया। इतनी बड़ी संख्या में गोवंश की मौत के बाद भी कुंभकर्णी नींद में सोए निगम प्रशासन के अधिकारी बजाए मामले को संज्ञान लेकर उसको गंभीरता से लेते हुए वहां रहने वाले गोवंश की सुध लेने के बजाए इसको लेकर पूछे जा रहे सवालों से भागते नजर आए। हालांकि परतापुर गोशाला गाेवंश की जिम्मेदारी संभाल रहे डा अजय प्रताप ने माना की कुछ गोवंश बीमार थे जिनकी मौत हुई है।

उन्होंने बताया कि वह चुनावी डयूटी से लौटे हैं, जिसकी वजह से गोशाला में रखे गए गोवंश किस हाल में है, इसकी जानकारी नहीं मिली है। खाना नहीं मौत मिल रही है गोवंश को, उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार को एक गोवंश बेहद बुरी जख्मी हाल में लाया गया था जिसका उन्होंने इलाज भी किया। उसको टांके लगाने पड़े। गोवंश की मौत को लेकर जब नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डा हरपाल सिंह से सवाल पूछा गया तो उनका रवैया बेहद गैर जिम्मेदाराना था।उन्होंने तो इस बात से ही अनभिज्ञता जहिर कर दी कि किसी गोवंश की मौत भी हुई है। उन्होंने पूरा ठीकरा डा अजय प्रताप पर फोड़ते हुए बताया कि वही ऐसे पशुओं के पोस्टमार्टम का काम देखते हैं। हालांकि डा अजय प्रताप ने केवल दो गाेवंश की मंगलवार को मौत की पुष्टि बाद में खुद की है। नगर निगम की गोशाला का प्रभार सहायक नगरायुक्त ब्रजपाल के जिम्मे है। निरीह गोवंशों की देखभाल में कथित कमी व लापरवाही के आरोपों को लेकर उनसे बातचीत को प्रयास किया, लेकिन उन्होंने काल ही रिसीव नहीं किया।

यह स्थिति तो तब है जब खुद सीएम योगी आदित्यनाथ बार-बार तमाम अधिकारियो को हिदायत दे रहे हैं कि सीयूजी नंबर जरूर रिसीव किया जाए, लेकिन लगता है कि निगम प्रशासन के कुछ अफसरों पर सीएम योगी के आदेश लागू नहीं होते। वहीं दूसरी ओर जिन पशुओं की मौत हुई है उनके बेहद निर्मम तरीके से हापुड़ रोड के डंपिंग ग्राउंड में कुएं नुमा गहरा गडढा जेसीबी से खोदकर उसमें दफना दिया गया। यह स्थिति तो तब है जब सीएम योगी खुद गोवंश प्रेमी हैं। लेकिन लगता है कि सीएम योगी के गाेवंश प्रेम में अभी निगम अफसरों का रंगना बाकि है। @Binoculars

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