कान्हा उपवन या गौवंश कत्लगाह, नगर निगम का कान्हा उपवन निराश्रित गोवंश का कत्लगाह बनकर रह गया है। सिस्टम की यदि बात की जाए तो यह हाल तो तब है जब प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ निराश्रित गोवंश को लेकर बेहद गंभीर हैं, लेकिन इसके बाद भी निगम प्रशासन इन निराश्रित गोवंश को लेकर पूरी तरह से लापरवाह नजर आता है। आरटीआई एक्टिविस्ट व सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने कान्हा उपवन में निगम अफसरों की कारगुजारी को न केवल कैमरे में कैद किया बल्कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह को कान्हा उपवन में गोवंश की दुर्दशा के संबंध में सबूत के साथ साक्ष्य भी सौंपे हैं। लोकेश खुराना ने इस संबंध में साक्ष्यों के साथ भेजे गए पत्र में श्याम नंदन सिंह से कान्हा उपवन व गोवंश की दुर्दशा के संबंध में नगर निगम व प्रशासन के आला अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने व उनसे स्पष्टिकरण का भी आग्रह किया है। जहां तक कान्हा उपवन की बात है तो यह कोई पहला मौका नहीं है जब इसमें रखी गयी निराश्रित गोवंश की अकाल मौतों की बात सामने आयी हो, इससे पहले भी यहां खासतौर से सर्दी व बारिश के मौसम में बड़ी संख्या में गोवंश की मौत के मामले सामने आए थे। कान्हा उपवन या गौवंश कत्लगाह, मामला मीडिया में आने के बाद अधिकारियों की नींद टूटी। कुछ समय तो सब ठीक रहा, लेकिन बाद में हालात बद से बदत्तर बनते चले गए। जिसका नतीजा सामने है। सामाजिक कार्यकर्ता विपुल सिंहल भी निराश्रित गोवंश को लेकर खासे चिंतित हैं। इसको लेकर उन्होंने अनेक बार आवाज भी उठायी है। उन्होंने मंडलायुक्त से भी इसका संज्ञान लेकर हालात सुधारने व जिम्मेदारी तय किए जाने का भी आग्रह किया है। जनपद में निराश्रित गाेवंशों को लेकर भी विपुल सिंहल ने अनेक बार अपनी आवाज प्रशासन खासतौर से नगर निगम के अधिकारियों तक पहुंचाने का प्रयास किया। निरीह पशु सुरक्षित रहें, इसको लेकर उन्होंने अनेक प्रयास भी किए हैं। @Back To Home