कौन है रूस के खिलाफ फैसला सुनाने वाले भंडारी, यूक्रेन जंग के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन से सीधे टकराने मसलन फौजी कार्रवाई यूरोपियन यूनियन व अमेरिका जैसे देश नहीं कर सके, उस रूस के पुतिन के खिलाफ फैसला सुनाने वाले दलबीर सिंह भंडारी कौन हैं उनके बारे में यदि नहीं जाना तो फिर सारी काबलियत व ज्ञान पर पानी फिर जाने सरीखा है। पहले तो यह जान लीजिए कि दुनिया के देशाें के बीच विवाद जब आपस में नहीं सुलझ पाते हैं तो वो मामले अंतराष्ट्रीय न्यायालय हेग में जाते हैं। इस अंतराष्ट्रीय न्यायालय के मुख्य न्यायधीश दलबीर भंडारी हैं, यह सभी भारतीय व दुनिया भर में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों के लिए गौरव की बात है और उससे ज्यादा गौरव की बात यह कि दलबीर भंडारी ने अंराष्ट्रीय न्यायधीश की हैसियत से रूस के खिलाफ फैसला सुनाने का साहस जुटाया है। उन्होंने रूस को तत्काल युद्ध रोकने का आदेश दिय है।
पिछले 22 दिनों से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। एक ओर दोनों देश वार्ता कर रहे हैं तो दूसरी ओर मारियुपोल में बम बरस रहे हैं। रूसी कार्रवाई को रोकने के लिए यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बुधवार को आईसीजे ने इस पर यूक्रेन के पक्ष में फैसला सुनाया और रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया।वह निष्पक्ष व बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं। अदालत ने अपना फैसला 13-2 के बहुमत के साथ सुनाया। इसका मतलब है आईसीजे में रूस के खिलाफ 13 जजों ने मतदान किया जबकि पक्ष में केवल दो ने मतदान किया। इन 13 जजों में न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी भी शामिल थे। न्यायाधीश जिन्होंने रूस के पक्ष में मतदान किया वे थे किरिल गेवोर्गियन (रूस) और न्यायाधीश सू हनकिन (चीन)। चीनी जज के रवैये पर दुनिया कतई हैरान नहीं। दलवीर भंडारी का रूस के खिलाफ मतदान इसलिए चर्चा में है क्योंकि अब तक भारत ने पूरे मामले पर तटस्थता बरकरार रखी हुई है। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में रूस के समर्थन में वोट करने वाले सिर्फ दो जज रूस और चीन से थे। भारत सरकार के सहयोग के बाद दलवीर भंडारी आईसीजे के जज बने हैं। रूस-यूक्रेन मामले पर उनका मत भारत सरकार से ठीक विपरीत है। अदालत ने रूस को अपनी कार्रवाई तुरंत रोकने का आदेश देते हुए कहा कि रूस की तरफ से कोई भी पक्ष इसमें दखल न दे और कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह सभी के लिए बाध्यकारी होगा। @Back To Home