मालदीव में इंडिया आउट पर रोक, नई दिल्लीः मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने देश में लगभग सालभर से चल रहे ‘इंडिया आउट’ अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर आदेश जारी कर प्रतिबंधित कर दिया. इस आदेश का जारी होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अभियान से जुड़े बैनर हटाने शुरू कर दिए और उन्हें विपक्षी दलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी मिल गई. दरअसल मालदीव की विपक्षी पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन बीते लगभग एक साल से ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई कर रहे हैं.
इस अभियान के तहत यह अप्रमाणित दावा किया जा रहा है कि हिंद महासागर में स्थित इस द्वीपीय देश (मालदीव) में भारतीय सैन्य अधिकारियों की तैनाती देश की संप्रभुता का उल्लंघन है. हालांकि, मालदीव के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने बार-बार इन दावों का खंडन कर भारतीय सेना की मौजूदगी से इनकार किया है.
इस अभियान के निशाने पर राष्ट्रपति सोलिह और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों हैं, जिन्हें भारत का करीबी माना जाता है.
इससे पहले सत्तारूढ़ पार्टी ने एक मसौदा कानून लाया गया था, जिसमें मालदीव के विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाले अभियानों का अपराधीकरण करने का प्रावधान है. हालांकि, ऐसा लगता है कि यह मसौदा कानून ठंडे बस्ते में चला गया है. मालदीव संसद की सुरक्षा सेवा समिति ने ‘इंडिया आउट’ अभियान के प्रभावों का आकलन करने के लिए फरवरी और मार्च में सरकार के शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं. समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप नहीं दिया है. बता दें कि बुधवार (20 अप्रैल) रात को यह आदेश (संख्या 2022/5) जारी किया गया, जिसमें ऐलान किया गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने फैसला लिया है कि भारत के खिलाफ नफरत भड़काने वाला अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. इस अधिसूचना में कहा गया कि भारत के खिलाफ अभियान एक संगठित अभियान है, जिसका मकसद मालदीव और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय संबंधों को बाधित करना है. इसके साथ ही मालदीव की शांति और सुरक्षा को खतरे में डालकर इस क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्वपूर्ण प्रयासों को बाधित करना है.