मासूम काे मां का इंतजार, मासूम और नन्हा शावक अपनी मां से बिछड़कर बुरी तरह बिलख रहा है। उसको अपनी मां का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन मानव गंध की वजह से सामने होते हुए भी मां उसे देखकर लौट गयी। मेरठ के किठौर क्षेत्र में दो दिन पहले मिले तेंदुए के शावक का अब अपनी मां के पास लौटना मुश्किल लग रहा है। वन विभाग की टीम कोशिश कर रही है कि किसी तरह मां को अपने शावक की गंध का अहसास हो और मां बच्चे को अपने साथ ले जाए। वन विभाग के अनुसार यह शावक मादा है। एफओ राजेश कुमार के अनुसार शावक को मां से मिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अगर मां बच्चे को नहीं ले गई तो इसे चिड़ियाघर में छोड़ना पड़ेगा। इस बच्चे को ग्रामीणों ने छुआ, हाथों से गोद में उठा लिया इसके कारण शावक के शरीर में इंसानी गंध आ गई है। कैट फैमिली के जीवों में आपसी पहचान का बड़ा सोर्स यूरिन स्मेल और निशान होते हैं। वन विभाग लगातार शावक के यूरिन से उसकी नेचुरल गंध और पहचान बनाने का प्रयास कर रहा है। यूरिन स्मेल और निशान से मां बच्चे को पहचानने पर ही उसे स्वीकार करेगी। बच्चे को मुंह में उठाकर जंगल की ओर ले जाएगी। मां को गंध नहीं मिली तो इस बच्चे को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। नन्हें शावक को वन विभाग ने खेत में उसी जगह पर सुरक्षित रखा है जहां यह बच्चा मां से बिछड़कर आया था। ग्रामीणों ने इस शावक को जहां सबसे पहले देखा और उठा लिया। उसी जगह बच्चे को रखा गया है। ताकि मां किसी तरह उस जगह बच्चे को खोजते हुए पहुंचे और उसे पहचानकर ले जाए। दो दिन से एक दूसरे से बिछड़े ये मां-शावक एक दूसरे के बिना तड़प रहे हैं। मादा तेंदुआ बच्चे को खोजते हुए खेतों तक पहुंची दिनभर घूमती रही लेकिन बच्चा नहीं मिला। रात को मां बच्चे के पास तक आई मगर उसे पहचान न सकी और लौट गई। शावक भी मां के बिना परेशान है। शावक चिल्लाकर मां को बुलाता है।
मासूम काे मां का इंतजार
