मेरठ रैपिड की सबसे लंबी टनल, देश के प्रथम 82 किमी लम्बे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में तीन भूमिगत स्टेशनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। ये तीन भूमिगत स्टेशन हैं – मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल। इन भूमिगत स्टेशनों को आपस में टनल के जरिये जोड़ने का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है। इसके अंतर्गत सबसे पहले भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच सुदर्शन – टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) द्वारा टनल बनाई जा रही है। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच की यह टनल मेरठ में बनाई जाने वाली सबसे लंबी टनल होगी जिसकी लंबाई लगभग 1.8 किमी होगी। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच ट्रेनों के आने और जाने के लिए दो अलग अलग टनल बनाए जाएंगे। आरआरटीएस ट्रेनों के लिए मेरठ में बनाए जा रहे टनल में भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच की टनल सबसे लंबी होगी। इसके बाद भैंसाली से बेगमपुल के बीच लगभग 1 किमी लंबी टनल बनायी जाएगी। बेगमपुल स्टेशन से एमईएस कॉलोनी के पहले के नॉर्थ शाफ्ट के बीच लगभग 700 मीटर लंबी टनल बनायी जाएगी। भैंसाली में बेगुमपुल के ओर के टनल निर्माण के लिए उत्तर में एक और लौंचिंग शाफ्ट निर्माणाधीन है जिससे बेगुमपुल की ओर जाने वाली जुड़वां टनल के लिए टनल बोरिंग मशीन- सुदर्शन लॉंच की जाएगी। भैंसाली से बेगमपुल के बीच बनाई जाने वाली इस टनल की लंबाई लगभग एक किमी होगी। इस टनल को बनाने के बाद टीबीएम को बाहर निकालने के लिए बेगमपुल पर रिट्रीविंग शाफ्ट बनाया जा रहा है। बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण देश में अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में आरआरटीएस की टनल को अधिक बड़ा बनाया गया है। यह 6.5 मी. व्यास की टनल ट्रेनों की गति अधिक होने के कारण यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम करने में सहायता प्रदान करेगी। टीबीएम- सुदर्शन द्वारा टनल सैगमेंट्स की मदद से भूमि के भीतर टनल के रिंग बनाए जाते हैं। टनल रिंग बनाने के लिए आम तौर पर सात (7) टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाता है। एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित और गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सुरंग सेगमेंट्स का निर्माण किया जा रहा है।
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