मुकेश सिंहल व विमल शर्मा में मुकाबला, मेरठ-गाजियाबाद विधान परिषद यानि एमएलसी की सीट के लिए महानगर भाजपा के अध्यक्ष मुकेश सिंहल को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। वैसे भी उनकी गिनती सांसद खेमे में होती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि नाम फाइनल करने से पहले आला कमान सांसद की राय जरूर लेगा और राय की अनदेखी भी किया जाना आसान नहीं होगा, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी मुकेश सिंहल की राह में सबसे बड़ा रोडा या कहें कांटा भाजपा के जिलाध्यक्ष विमल शर्मा काे माना जा रहा है। भाजपाइयों का कहन है कि विमल शर्मा की दावेदारी की जहां तक बात है तो उनकी अनदेखी करना इतना आसान भी नहीं है। मुकेश सिंहल को जो भी चुनौती मिलेगी विमल शर्मा से ही मिलेगी, वहीं दूसरी ओर यदि मुकेश सिंहल की बात की जाए तो विधानसभा चुनाव में उन्हें कैंट सीट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, या यूं कहा जाए कि भाजपाइ भी उन्हें ही प्रत्याशी मानकर चल रहे थे। मुकेश सिंहल अरसे से कैंट सीट से चुनाव की तैयारियों में भी लगे थे, लेकिन आला कमान को कुछ और ही मंजूर था। अब एमएलसी के चुनाव को लेकर मुकेश सिंहल खेमे ने एक बार फिर दावेदारी की है। मेरठ-गाजियाबाद एवं मुजफ्फरनगर-सहारनपुर स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के लिए 19 मार्च तक नामांकन लिए जाएंगे। वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी को जितने पापड बेलने पड़ते हैं एमएलसी की कुर्सी उतनी ही आसान है। हालांकि जानकारों का कहना है कि यह ठीक है कि बगैर भागदौड़ के एमएलसी की कुर्सी मिल जाती है, लेकिन संगठन स्तर पर जितनी लाबिंग करनी पड़ती है, वो बाहरी भाग दौड़ से कई गुना भारी पड़ती है। मेरठ गाजियाबाद स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन के लिए मंगलवार 14 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। मेरठ के कलेक्ट्रेट परिसर में नामांकन की व्यवस्था की गई है। यहीं से पर्चे मिल रहे हैं और नामांकन फार्म जमा होंगे। पहले दिन केवल एक निर्दलीय प्रत्याशी राकेश कुमार ने पर्चा भरा है। जबकि सपा, भाजपा ने अब तक अपने प्रत्याशी का नाम भी नहीं खोला है। राकेश कुमार के साथ 10 प्रस्तावकों के नाम भी दिए गए हैं। एक दो अन्य नामों की भी चर्चा है। @Back To Home