राहत हट रहे हैं बैरिकेटस, एनसीआरटीसी के दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर स्टेशनों एवं वायाडक्ट का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है। गाज़ियाबाद और मेरठ में जहाँ-जहाँ निर्माण कार्य पूरा हो रहा है, एनसीआरटीसी वहां बैरिकेडिंग हटाने का काम भी साथ-साथ कर रही है। इसी क्रम में रिठानी और परतापुर में सड़क पर लगी बैरिकेडिंग को हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। गुलधर और दुहाई के बीच भी बैरिकेडिंग हटाने का कार्य प्रगति पर है।
आरआरटीएस परियोजना के तहत लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी निर्माण कार्य बैरिकेडिंग के अंदर किया जा रहा है। निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही बैरेकेडिंग हटाकर सड़क को फिर से जनता के लिए खोल दिया जाता है। बैरिकेडिंग हटाए जाने से वाहन चालक अबाधित रूप से पूरी सड़क का उपयोग कर सकेंगे। जैसे-जैसे निर्माण कार्य अगले चरण में पहुंच रहा है, बाकि की बैरिकेडिंग को भी जल्द ही हटाकर लोगों के लिए सड़क का बाकी हिस्सा उपलब्ध करवाया जाएगा। निर्माण कार्यों के कारण जनता को कम-से कम असुविधा हो और यात्रियों की सुगमता के लिए एनसीआरटीसी ने एक 12 सूत्रीय शेड्यूल बनाया है जिसका क्रियान्वयन निरंतर किया जा रहा है। निर्माण कार्यों के कारण उड़ने वाली धूल और उससे होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए समय- समय पर एंटी स्मॉग गन का प्रयोग किया जाता है। धूल को उड़ने से रोकने और यात्रियों को उससे होने वाली असुविधा से बचाने के लिए दिन में तीन बार निर्माण स्थल पर वॉटर टैंकरों से छिड़काव किया जाता है। सड़कों पर डायवर्जन और आरआरटीएस साइटों पर बड़ी मशीनों के प्रयोग के दौरान इंपैक्ट प्रोटेक्शन व्हीकल (आईपीवी) का प्रयोग किया जाता है जो रात में लोगों को दूसरी दिशा में जाने का संकेत देता है। इस वाहन के पीछे तीन रंग की लाइटें संकेतक और रिफ्लेक्टर की तरह काम करती हैं। प्रवक्ता राजीव चौधरी ने बताया कि काम बहुत तेजी से चल रहा है। लोगों को राहत भी मिल रही है।