संघ व संगठन तय करेगा केशव का भविष्य, योगी सरकार में डिप्टी सीएम रहे केशव प्रसाद मौर्य के भविष्य को लेकर संगठन में खासी अटकलें लगायी जा रही हैं। सबसे ज्यादा बैचेनी केशव के समर्थकों में देखी जा रही है। हालांकि माना जा रहा है कि सिराथू से चुनाव हारने के बाद उनकी पार्टी में भूमिका संघ व संगठन में तय होगी। संघ व संगठन तय करेगा केशव का भविष्य, सवाल तैर रहा है कि केशव को योगी सरकार में जगह मिलेगी या उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय टीम में जिम्मेदारी दी जाएगी, इसका निर्णय पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अगले सप्ताह तक करेगा। सूत्रों के मुताबिक पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को ध्यान में रखकर ही केशव के मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली में होने वाली बैठक में संघ और भाजपा के शीर्ष नेताओं के स्तर पर केशव को लेकर चर्चा की जाएगी। केशव ने विश्व हिंदू परिषद के जरिए भाजपा की राजनीति में कदम रखा था। विहिप के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल के करीबी रहे केशव को आरएसएस के सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सर सह कार्यवाह कृष्णगोपाल सहित अन्य नेताओं का भी करीबी माना जाता है। संघ और भाजपा के शीर्ष नेताओं के प्रयास से ही पिछड़े वर्ग के बीच केशव को पार्टी के चेहरे के रूप में पहचान स्थापित की गई। डिप्टी सीएम को सिराथू विधानसभा सीट में 98941 मत मिले। केशव मौर्य जितने वोट पाकर हारे, उससे कम वोट पाकर प्रयागराज की छह सीटों पर भाजपा व गठबंधन से कुछ छह विधायक बन गए। हर्ष बाजपेयी, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, प्रवीण पटेल, गुरु प्रसाद मौर्य, वाचस्पति, पीयूष रंजन निषाद को केशव से कम मत मिले, लेकिन वह विधायक बन गए। सिर्फ सिद्धार्थ नाथ और प्रवीण पटेल के खाते में ही एक लाख से ज्यादा मत आए। @Back To Home
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