शातिर आतंकी को भेजा जेल, परिजनों ने जिसे पढ़ाई को भेजा वह आतंक की पढ़ाई करने लगा। इतना ही नहीं भोले भाले युवाओं को आतंक की दलदल में घसीट भी रहा था। एटीएस द्वारा देवबंद से दबोचे गए शातिर आतंकी को अदालत ने सोमवार को जेल भेज दिया। इस आतंकी की रिमांड के दौरान जांच एजेंसी को कई चौंकाने वाले सूबत मिले हैं। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े झारखंड के रहने वाले इनामुलहक का पांच दिन का रिमांड रविवार की शाम को पूरा हो गया था। सोमवार को एटीएस ने उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे जेल भेज दिया है। एटीएस को आरोपित से पूछताछ में बड़ा इनपुट मिला है। आतंकी को पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ले जाया गया और सुबूत जुटाए गए हैं। आरोपित के पास से कई पहचान पत्र फर्जी मिले हैं। इन पहचान पत्रों का इस्तेमाल स्लीपर सेल बनाने के लिए इस्तेमाल होना था। वहीं, इस मामले में एटीएस अब और भी गिरफ्तारी कर सकती है। इनामुलहक उर्फ इनाम इम्तियाज पुत्र इम्तियाज मियां निवासी गांव पटना थाना गवां जिला गिरडीह झारखंड का एटीएस ने 10 दिन का रिमांड मांगा था। जिसके बाद अदालत ने पांच दिन का रिमांड दिया था। एटीएस ने इन पांच दिनों में इनामुलहक को आठ जिलों में लेकर गई है। जिसमें अलीगढ़, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद भी शामिल है। आतंकी के पास से मिले पहचान पत्रों के पते पर भी एटीएस गई, लेकिन यह सब फर्जी मिले। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह पहचान पत्र फर्जी पते पर इसलिए बनाए गए थे, ताकि बाहर से आने वाले युवक इनका इस्तेमाल कर सके। हालांकि एटीएस ने सभी पहचान पत्रों को अपने कब्जे में ले लिया है। आरोपित ने स्वीकार किया है कि वह पश्चिम उत्तर प्रदेश में स्लीपर सेल तैयार करने में लगा हुआ था। ताकि इनका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सके। लश्कर-ए-आतंकी के वाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, लिंक्ड आदि इंटरनेट प्लेटफार्म पर एकाउंट बने थे। इन प्लेटफार्म के जरिए वह कई युवकों से जुड़ा था और उन्हें देश के खिलाफ भड़का रहा था। लालच दिया जा रहा था कि उन्हें पैसा मिलेगा और शादी करने के लिए लड़की भी मिलेगी। एटीएस ने आरोपित इनामुलहक के सभी इंटरनेट मीडिया एकाउंट बंद कर दिए हैं। @Back To Home
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