सुभारती में आईपीआर जागरूकता कार्यशाला, आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के विषय पर मांगल्या प्रेक्षागृह में सुभारती लॉ कॉलिज एवं आईक्यूएसी सैल के द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति मेजर जनरल डा. जी.के.थपलियाल ने मुख्य वक्ता पेटेंट एवं डिजाइन परीक्षक नित्या त्यागी एवं छवि गर्ग का स्वागत करते हुए किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नवाचारो की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है और पेटेंट, डिजाइन कॉपीराइट एवं ट्रेडमार्क का पंजीकरण हेतु कार्य किये जा रहे है। जिसके अंतर्गत अब तक 125 नवाचारो का पंजीकरण किया जा चुका है। आमजन को पेटेंट संबधित कानून की जानकारी नहीं है। उन्होंने बौद्धिक संपति के अंतर्गत पेटेंट, डिजाइन, कॉपीराइट एवं ट्रेडमार्क के बारे में कहा कि वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलाव को देखते हुए सुभारती विश्वविद्यालय प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है। पेटेंट एवं डिजाइन परीक्षक छवि गर्ग ने कहा कि आईपीआर का प्रमुख उद्देश्य देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्यिक लाभ, साझा प्रौद्योगिकी, नवाचार और उपयोगकर्ता देशों द्वारा किए गए सर्वोत्तम वैश्विक प्रयासों के बारे में जानकारी का प्रसार करना है। उन्होंने भविष्य में विश्वविद्यालय में आईपीआर की संख्या बढ़ाने के बारे में जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया और स्टार्ट अप और उद्यमिता के रूप में अनुसंधान परिणामों के लिए अवसर के बारे में भी जानकारी दी। उन्हांने पेटेंट, डिजाइन के बारे में जानकारी दी। पेटेंट एवं डिजाइन परीक्षक नित्या त्यागी ने कहा कि बौद्धिक संपदा को दिमागी उपज कहा जाता है, इसका उपयोग आविष्कारकर्ता ही कर सकता है। इसके अंतर्गत व्यक्ति अथवा संस्था की सृजित कोई रचना, संगीत साहित्यिक कृति, कला, खोज अथवा डिजाइन होती है, जो उस व्यक्ति अथवा संस्था की बौद्धिक संपदा कहलाती है। उन्होंने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क को सफलतापूर्वक करने हेतु विस्तार से जानकारी दी तथा इसके विभिन्न चरणों को समझाया। कार्यक्रम लॉ कॉलिज के डीन प्रो. डा. वैभव गोयल भारतीय एवं आईक्यूएसी निदेशक डा. नीतू पंवार के संयुक्त संयोजन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मंच का संचालन डा. नीरज कर्ण सिंह ने किया। अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापन सीआरआईसी के उपनिदेशक डा. मुकुल कुमार ने दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी कॉलिज एवं विभागों के डीन, प्राचार्य एवं फैकल्टी मैम्बर तथा विद्यार्थियों व विभिन्न कमेटी के सदस्यों सहित 2000 लोग उपस्थित रहे।
सुभारती में आईपीआर जागरूकता कार्यशाला
