ताला तोड़कर कब्जा मेडिकल प्रशासन बेखबर, एलएलआरएम मेडिकल अजब है और वहां का प्रशासन गजब है। कोई दो शख्स मेडिकल कैंपस में दाखिल होते हैं। कैंपस के सरकारी आवास के ताले तोड़ते हैं, वहां रहना शुरू कर देते हैं और मेडिकल प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगती। वो लोग कौन हैं, कहां से आए हैं। उनका मेडिकल कैंपस जहां डाक्टर व मेडिकल स्टाफ के परिवार भी रहते हैं, वहां अपनी पहचान छिपा कर आकर रहने की उनकी क्या मंशा थी, ये बड़े सवाल हैं जिनका जवाब चाहिए, लेकिन यहां बात हो रही है मेडिकल प्रशासन की इस बड़ी चूक की कोई कैसे भीतर आया, ताले तोड़े वहां आशियना बना लिया। मेडिकल प्रशासन सिक्योरिटी गार्ड के नाम पर एक भारी भरकम रकम हर माह खर्च करता है। क्या जिस स्थान पर दो घुसपैठिया सरीखे लोग आकर रहने लगे थे वहां कोई सिक्योरिटी नहीं थी। गनीमत यह रही कि मेडिकल कालेज कर्मचारी एसोसिएशन को किसी तरह इसकी जानकारी मिली गयी। उन्होंने मेडिकल प्राचार्य को इसकी जानकारी दी। जो युवक वहां ठिकाना बनाए थे उनका नाम सुहेब व वकार बताया जाता है। ताला तोड़कर कब्जा मेडिकल प्रशासन बेखबर, उल्लेखनीय है कि इन दिनों वेस्ट यूपी के कई स्थानों पर एनआईए की छापामारी भी चल रही है। पांच दिन पहले देवबंद में भी एनआईए ने छापा मारकर कुछ संदिग्ध दबोचे थे। हालांकि हम यह नहीं कर रहे कि जो युवक यहां रह रहे थे, वो किसी प्रकार की गतिविधि में लिप्त थे। यह तय करना पुलिस का काम है। हालांकि मेडिकल कमर्चारी एसोसिएशन के कर्मचारी नेता विपिन त्यागी, महिपाल सिंह, राजीव शर्मा, जेपी यादव, राजकुमार, विरेन्द्र कुमार यादव आदि ने जब पत्र सौंपा तो मेडिकल प्रशासन नींद से जागा। मेडिकल प्राचार्या ने डा. आरसी गुप्ता ने बताया कि मामले को लेकर एक तहरीर मेडिकल थाने पर दी गयी है। पुलिस से कार्रवाई को कहा गया है। @Back To Home
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